मां ब्रह्मचारिणी: नवदुर्गाओं में दूसरी दुर्गा का नाम ब्रह्मचारिणी है। नवरात्र पर्व के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। साधक इस दिन अपने मन को माँ के चरणों में लगाते हैं। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। सच्चिदानंदमय ब्रह्मस्वरूप की प्राप्ति कराना आदि विद्याओं की ज्ञाता ब्रह्मचारिणी इस लोक के समस्त चर और अचर जगत की विद्याओं की ज्ञाता है। इसका स्वरूप सफेद वस्त्र में लिपटी हुई कन्या के रूप में है , जिसके एक हाथ में अष्टदल की माला और दूसरे हाथ में कमंडल विराजमान है। यह अक्षयमाला और कमंडल धारिणी ब्रह्मचारिणी नामक दुर्गा शास्त्रों के ज्ञान और निगमागम तंत्र-मंत्र आदि से संयुक्त है। अपने भक्तों को यह अपनी सर्वज्ञ संपन्नन विद्या देकर विजयी बनाती है । <br />(मां को शक्कर से बनी चीजो का भोग लगायें) <br />जानिए ज्योतिर्विंद आचार्य सचिन शिरोमणि से <br /> <br /> <br />To subscribe click this link – <br />https://www.youtube.com/channel/UCDWLdRzsReu7x0rubH8XZXg <br /> <br />If You like the video don't forget to share with others & also share your views <br />Website : http://www.totalbhakti.com <br />Google Plus : https://plus.google.com/u/0/+totalbhakti <br />Facebook : https://www.facebook.com/totalbhaktiportal/ <br />Twitter : https://twitter.com/totalbhakti/ <br />Linkedin : https://www.linkedin.com/in/totalbhakti-com-78780631/ <br />Dailymotion - http://www.dailymotion.com/totalbhakti